विनाश काल विपरीत मति।

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उन दिंनो मैं अपने होम टाउन लुधियाना में था। डेली न्यूज़ पेपर पढ़ने की आदत थी। ताकि मैं हर रोज़ खुद को अगल-बगल और देश-विदेश की स्तिथि ज्ञान करा सकू। देश दुनिया इस जहांन की हर रोज़ सैकड़ों खबरें छपती थी। एक ख़बर ने मुझे उस दिन बहुत हैरान किया। ये ख़बर मेरे घर के ठीक पीछे वाली गाली की थी।

मैं बहुत हैरान हुआ उस ख़बर को पढ़ कर। एक शादी शुदा औरत ने अपने पति को आशिक़ संग मिलर कर मौत के घाट उतारा। जिस तरह से ख़बर को लिखा गया था  उस तरह से सोच कर मैं बहुत ही चकित हो गया। महिला दो बच्चो की माँ थी। एक बच्चे की उम्र बारह साल थी तो दूसरे बच्चे की उम्र दस साल थी। महिला ने अपने पति संग किरिये के कमरे में रहती थी। उसका पति टेक्सटाइल होज़री में सुपरवाईजर था।
महिला का किसी आदमी के साथ नाजायज़ सम्बन्ध था। महिला ने चाल चली और अपने पति की प्रेमी संग मारने की साजिश रची।

उसने अपने आशिक़ से टेक्सटाइल इंडस्ट्री से कटाई ब्लेड मंगवाया जो भी बहुत धारदार होता है।
रात को जब महिला के बच्चे सो गए तो उसने अपने आशिक़ की को कॉल करके बुलाया। उसने अपने आशिक़ संग मिलकर अपने अपने पति का गाला ब्लेड से काट दिया।  लेकिन आदमी को मारने इतना आसान कहाँ है। उनके बीच झड़प हो गयी। आशिक़ का ब्लेड उसके ही हाथ में लग गया। तीनो की झड़प में पति मारा गया। आशिक़ घायल हो गया। पाती का खून पूरी छत पर फ़ैल गया। महिला ने खून साफ़ करने की बहुत कोशिश की पर लहू के निशान को मिटाना इतना आसान कहाँ था।

उसने तकरीबन दस कपड़ों से अपने पति का खून साफ़ किया।
उसको खून साफ़ करते हुए उसके पड़ोस के सरदार जी ने देख लिया। लगे हाथ उन्होंने लोगों को इकठा कर लिया और पुलिस को फ़ोन कर दिया। थोड़ी ही देर में पुलिस आयी और महिल और उसके आशिक़ को रांगे हाथ पकड़ लिया। सभी को थाने ले गए। जहाँ पता चला की पत्नी बस अपने आशिक़ के प्यार में पागल हो गयी थी और उसने अपने आँखों पर पट्टी बांध कर खुद का सुहाग मिटा डाला।

इस ख़बर ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया की क्या इंसान इतना गिर जाता है जब उसको किसी से मोहब्बत हो जाती है। क्या इंसान इतना मजबूर हो जाता है जब उसको किसी से मोहब्बत हो जाती है।



                                                                                                                           अशोक कुमार

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