'कनिका', जिसको मैं पसंद करता था।

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आज मेरी एक दोस्त से मेरी मुलाकात हुई। हम दोनों ने एक ही कॉलेज से इंजीनियरिंग की है। वो कंप्यूटर इंजीनियर है। मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ। तकरीबन दो साल बाद हमारी मुलाकात हुई। मुलाकात कुछ इस तरह से हुई जैसे ये कोई कुदरती घटना हो। मैं जिस सॉफ्टवेयर कंपनी में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पोस्ट पर काम कर रहा हूँ। उसी कंपनी में पैरेलल पोजीशन पर उसकी जोइनिंग हुई। मैं उसको देख कर थोड़ा हैरान था। क्योकि मुझे इसकी खबर नहीं थी। उसका नाम है श्रेया दत्ता। पांच फुट सात इंच लम्बाई के साथ, बेहद खूबसूरत।

एक बार तो मुझे लगा की मैं कोई सपना देख रहा हूँ। उसने भी मुझे देखते ही पहचान लिया था। हमारा इट्रोडक्शन प्रोजेक्ट मैनेजर सचिन ने करवाया। मैंने श्रेया को हेलो बोला।, श्रेया ने मुझे हेलो बोला। हमदोनो की कुछ बातें हुई। हमारा एक फॉर्मल इंट्रोडक्शन हो गया।

फ्राइडे को टीम डिनर करते हुए मैंने श्रेया से बात की। हम दोनों ने कॉलेज के टाइम की बातें करनी शुरू करदी। सबको पता चल गया की हम लोग एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। 

बत्तों ही बातों में श्रेया ने मुझे कनिका के बारे में बताया। ये वही कनिका है जिसको मैं किसी ज़माने में पसंद किया करता था। फिलहाल श्रेया उससे ज़्यादा अच्छी लग रही है। उसने कनिका के बारे में बताते हुए कहा की, कनिका का लाइफ बहुत मस्त है। वो जैसे ज़िन्दगी जीना चाहती थी वैसे जी रही है। उसने कॉलेज के सबसे अमीर लड़के साहिल को चुना। मैंने ऐड करते हुए कहा की, 'अरे वो ऑडी वाला साहिल।' श्रेया ने कहा की, हाँ जिसके फादर का होटल है। उसने आगे जोड़ते हुए कहा की, कनिका को भगवान ने खूबसूरती दी थी। वो अपनी खूबसूरती के दम पर किसी को भी नचा सकती थी।

साहिल भी श्रेया को पसंद करता था। साहिल ने उसको फ़ोन, क्लोथ्स और पुणे में पर्सनल फ्लेट। कनिका ने पुरे छ: महीने तक उसके पैसों और होटलों में दिल खोल के ज़िन्दगी का मज़ा लिया। कनिका को जो साहिल से चाहिए था उसने सब कुछ उससे लिया। इतने मैं हमारे टेबल पर डेजर्ट। हॉट सिज़लिंग बरौनी का हमने स्वाद लिया। एक दम लाजब।

उसने आगे बताते हुए कहा की, कनिका प्रोगरामिंग का कोर्स करने के लिए बंगलुरु शिफ्ट हो गयी। साहिल को उसने ये कह के कन्विंस कर लिया की कुछ दिंनो की तो बात है। साहिल ने उसके कोर्स की फीस भरदी। बंगलुरु शिफ्ट होने के पांच दिन के अंदर ही उसने एक ऐसे लड़के को अपना बॉयफ्रेंड बनाया जिसको पैसे की कोई दिक्कत ही नहीं थी। बैंकाक और दुबई में उसका उसका बिज़नेस था। कोर्स के दौरान कनिका, साहिल और दीपक दोनों को मैनेज करती थी। साहिल उस पर ब्लाइंड ट्रस्ट करता था। दीपक के साथ कनिका बैंकाक और दुबई घूम कर आ चुकी थी। कनिका ने कैसे भी दोनों को मैनेज किया। लास्ट में वो दोनों को लेकर कंफ्यूज थी की वो आगे की लिफ़ किसके साथ कंटिन्यू करे।

कनिका का मानना था की एक ही लाइफ मिली है बस इसको जैसे तुम जीना चाहते हो जी लो। दुबारा मौका नहीं मिलेगा। कनिका नहीं चाहती थी की वो सारी ज़िंदगी किसी की नौकरी करे और बुढ़ापे मैं जो ज़िन्दगी भर कमाया है उसको खर्च करे।

श्रेया ने मुझे पूछा की तुमको क्या लगता है की कनिका किसके साथ रिलेशनशिप कंटिन्यू करेगी? इसके साथ ही हमारे टेबल पर बिल आ गया। सब लोग आपस में बात करने लगे। मैंने कहा की, ये देखना पड़ेगा। 


                                                                                                                              अशोक कुमार


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