मेरा नाम ईशान है। मैं हैदराबाद में रहता हूँ। मैं सीए फाइनल सेमेस्टर की स्टडी कर रहा हूँ। अगर सब कुछ ठीक रहा तो छे महीने बाद मैं सीए क्लियर कर लूंगा।
आज मैं अपना एक सीक्रेट शेयर करना चाहता हूँ। मैंने सीए का फर्स्ट सेमेस्टर क्लियर किया था। मेरी पूरी रिस्तेदारी में मेरे चर्चे होने लगे थे। मुझे अच्छा भी लगता था। जब लोग मेरे फ्यूचर के बारे में अच्छी बातें करते थे। एक दिन मैं मूवी देखने जा रहा था। मैंने गाडी स्टार्ट की स्टेरिंग पे देखेती हुए मैंने सामने देखा। एक खूबसूरत लड़की और दो औरतें, मेरे घर में जा रही थी। एक सेकंड के दसवे हिस्से में मैंने ये सोचा किया की ये लोग मेरे रिश्तेदारों में से तो नहीं है। पर लड़की बहुत खूबसूरत थी। मैं अपने घर में झांकता हुआ निकला। उसके चेहरा की झलक फिर से दिखाई दी। जब मैं अपने दोस्तों के साथ मूवी देख रहा था तो आधी मूवी में यही सोच रहा था की वो लोग कौन होंगे। मैं उनमे से किसी को जनता नहीं हूँ। न ही आज तक मिला हूँ।
मैं शाम को घर आया तब तक वो सभी जा चुके थे। मम्मी ने मुझे बताया की वो हमारे एक दूर के रिस्तेदार के पडोसी थे। लड़की के पापा और मेरे पापा बचपन में दोस्त हुआ करते थे। मुझे लड़की बहुत पसंद थी। मैं ज़्यादा पूछ भी नहीं सकता था। "मम्मी ने बताया की लड़की का हैदराबाद के किसी कॉलेज में एल एल बी में एडमिशन हुआ है। वो विजिट के लिए आए थे हमारा घर पास था तो मिलने आ गए।" मैंने इंतज़ार किया। तीन महीने बाद वो लड़की फिर से हमारे घर पर आयी। इस बार हमारी बातें हुई। इस बार हमारे कांटेक्ट एक्सचेंज हुए। मैंने उस से बातें करनी शुरू कर दी। हमारी अभी तक फ्रेंडली बातें होती थी। हम दो बार कॉफी डे पर मिले। सब कुछ नार्मल चल रहा था। मुझे उसके साथ अपना फ्यूचर दिखाई दे रहा था।
दो महीने बाद अचानक से उसने बात करनी बंद कर दी। मैं थोड़ा बेचैन रहने लगा। मैंने सोचा की एक बार उसके कॉलेज जाकर उसको मिल कर आता हूँ। मैं तैयार होकर घर से निकल ही रहा था की उसकी मम्मी और पापा हमारे घर पर आए। उन्होने हाथ में शादी के कार्ड पकड़े हुए थे। साथ में मिठाई के डिब्बे। मेरा दिमाग में सब कुछ क्लियर नज़र आ रह था। उसकी मम्मी ने मेरी मम्मी से कहा की, “आजकल के बच्चो का कुछ पता नहीं चलता, सब कुछ इतना जल्दी हो जायेगा हमको पता नहीं था। हमने तो पढ़ने भेजा था। खैर छोडो, आप हमारी लड़की की शादी में ज़रुर आना।“ मैं बस देखता रह गया की, ये क्या हो रहा है। ये कैसे हुआ। कब हुआ?
अशोक कुमार
आगे पढ़े:- अधूरे प्यार की कहानी...
आज मैं अपना एक सीक्रेट शेयर करना चाहता हूँ। मैंने सीए का फर्स्ट सेमेस्टर क्लियर किया था। मेरी पूरी रिस्तेदारी में मेरे चर्चे होने लगे थे। मुझे अच्छा भी लगता था। जब लोग मेरे फ्यूचर के बारे में अच्छी बातें करते थे। एक दिन मैं मूवी देखने जा रहा था। मैंने गाडी स्टार्ट की स्टेरिंग पे देखेती हुए मैंने सामने देखा। एक खूबसूरत लड़की और दो औरतें, मेरे घर में जा रही थी। एक सेकंड के दसवे हिस्से में मैंने ये सोचा किया की ये लोग मेरे रिश्तेदारों में से तो नहीं है। पर लड़की बहुत खूबसूरत थी। मैं अपने घर में झांकता हुआ निकला। उसके चेहरा की झलक फिर से दिखाई दी। जब मैं अपने दोस्तों के साथ मूवी देख रहा था तो आधी मूवी में यही सोच रहा था की वो लोग कौन होंगे। मैं उनमे से किसी को जनता नहीं हूँ। न ही आज तक मिला हूँ।
मैं शाम को घर आया तब तक वो सभी जा चुके थे। मम्मी ने मुझे बताया की वो हमारे एक दूर के रिस्तेदार के पडोसी थे। लड़की के पापा और मेरे पापा बचपन में दोस्त हुआ करते थे। मुझे लड़की बहुत पसंद थी। मैं ज़्यादा पूछ भी नहीं सकता था। "मम्मी ने बताया की लड़की का हैदराबाद के किसी कॉलेज में एल एल बी में एडमिशन हुआ है। वो विजिट के लिए आए थे हमारा घर पास था तो मिलने आ गए।" मैंने इंतज़ार किया। तीन महीने बाद वो लड़की फिर से हमारे घर पर आयी। इस बार हमारी बातें हुई। इस बार हमारे कांटेक्ट एक्सचेंज हुए। मैंने उस से बातें करनी शुरू कर दी। हमारी अभी तक फ्रेंडली बातें होती थी। हम दो बार कॉफी डे पर मिले। सब कुछ नार्मल चल रहा था। मुझे उसके साथ अपना फ्यूचर दिखाई दे रहा था।
दो महीने बाद अचानक से उसने बात करनी बंद कर दी। मैं थोड़ा बेचैन रहने लगा। मैंने सोचा की एक बार उसके कॉलेज जाकर उसको मिल कर आता हूँ। मैं तैयार होकर घर से निकल ही रहा था की उसकी मम्मी और पापा हमारे घर पर आए। उन्होने हाथ में शादी के कार्ड पकड़े हुए थे। साथ में मिठाई के डिब्बे। मेरा दिमाग में सब कुछ क्लियर नज़र आ रह था। उसकी मम्मी ने मेरी मम्मी से कहा की, “आजकल के बच्चो का कुछ पता नहीं चलता, सब कुछ इतना जल्दी हो जायेगा हमको पता नहीं था। हमने तो पढ़ने भेजा था। खैर छोडो, आप हमारी लड़की की शादी में ज़रुर आना।“ मैं बस देखता रह गया की, ये क्या हो रहा है। ये कैसे हुआ। कब हुआ?
अशोक कुमार
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