लोग कहतें है की पहले प्यार को भुलाया नहीं जा सकता।

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मेरा नाम आदित्य है। मैं तुमको कुछ बताना चाहता हूँ। ये बात उस समय की है जब मैं इंजीनियरिंग के थर्ड-ईयर में पढ़ रहा था। सब कुछ अच्छा चल रहा था। एक लड़की, जिसका नाम आकांशा था, वो मेरे दोस्त राहुल का क्रश थी। आकांशा की एक सहेली थी जिसका नाम मीरा था। राहुल आकांशा के करीब जाने के लिए मीरा से बात किया करता था। मैं और राहुल दोनों साथ में रहते थे। मुझे मीरा पसंद थी। एक दिन कंप्यूटर की वर्कशॉप चल रही थी। राहुल को बैठने के लिए चेयर चाहिए थी। उसने मीरा की चेयर लेली। इस इंसिडेंट के बाद मीरा से बातें होने लगी थी क्योकि वो राहुल को चोर कहने लगी थी और मुझे चोर का दोस्त। कभी - कभी हमारी बातें देर रात तक फेसबुक पर होती थी।

एक दिन मैंने उसको बातों ही बातों में प्रोपोज़ कर दिया। उसने मना कर दिया। वो बोली की, "मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ, समझा और मुझे ये सब पसंद नहीं है।" पूरा दिन बीत गया था मुझे लगा की अब बात बनेगी नहीं। मैंने उसको दिन में प्रोपोज़ किया था। लेकिन रात को तीन चार बेज उसने मुझे, "आई लव यू टू" कह दिया। अकसर रात की तन्हाई में लोग जो पसदं नहीं होता वो भी मान लेते हैं।

अगले दिन कॉलेज में मैंने सबसे पहले राहुल को ये बात बताई। राहुल को यकीन नहीं हुआ। राहुल को लगा की मैं मज़ाक कर रहा हूँ। फिर मैंने उसको फेसबुक के सारे मैसेज दिखाए। राहुल ने सभी मैसेज पढ़े। उसके बाद राहुल को यकीन हुआ। ये बात मैंने राहुल को लेक्चर के दौरान बताई। वो चिल्लाना चाहता था। राहुल ने बाड़ी-बाड़ी आँखों वाला रिएक्शन दिया।

मीरा के पास खुद का पर्सनल फ़ोन नहीं था। वो अपने भाई के फ़ोन से चैटिंग करती थी। मैं रोज़ रात को उसके मैसेज का इंतज़ार किया करता था।

मैं उनीस साल का था और वो अठारह साल की थी। इतने सालों बाद मुझे पहली बार किसी लड़की ने अपना बॉयफ्रेंड बनाया था। मुझे बहुत ख़ुशी हो रही थी की फाइनली मेरी ज़िंदगी में कोई लड़की मेरे सपनो की रानी बनकर आयी। अब मैं भी अपने दोस्तों को प्यार के बारे में सलाह दे सकता था। मेरा कद इस  मामले में बढ़ने लगा था और मुझे खुद पर गर्व महसूस होने लगा था।

पहली डेट: जैसे की मेरी ज़िन्दगी की ये पहेली डेट थी तो मुझे तो कोई आईडिया नहीं था की करना क्या है। मीटिंग कैसे होगी  और मैं क्या करूँगा। मुझे डेट के बारे में कुछ भी आईडिया नहीं था। तो मैंने अपने दोस्त राहुल से पूछा, " की मैं क्या करू? कैसे उसको एंटरटेन करूँ? राहुल बोला सिंपल है, पहले तो तू टेंशन मत ले। उसको मूवी दिखने लेकर जा। उसके बाद गार्डन लेकर जा, गार्डन में बातें कर, दिन निकल जायेगा।

तो दोस्तों मेरी ज़िन्दगी की पहली डेट पर मैंने अपनी पहली गर्लफ्रेंड को मूवी दिखाई। थिएटर में बैठ कर मैंने पहली बार किसी लड़की का हाथ पकड़ा था। मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। मीरा बोली की उसको डर लग रहा है। कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा। इस बात के बाद मैंने उसका हाथ ज़ोर से पकड़ लिया। मैंने उसको कहा, की चाहे जो मर्जी हो जाए मैं तेरा हाथ नहीं छोडूंगा। मैंने किसी मूवी में डाइलोग सुना था वो उसको बोल दिया। ये सुन कर वो इम्प्रेस हो गयी और इस बार उसने मेरे हाथ को दबाया।

इसके बाद हम गार्डन में गए। मैं उसको थिएटर में 'किस' करना चाहता था। पूरी पिक्चर ख़तम हो गयी। पर मैं उसे 'किस' नहीं कर पाया। लेकिन गार्डन में मैंने मोका मिलते ही अपनी लाइफ में पहले बार किसी लड़की के गालों पर 'किस' कर डाली। मुझे आज भी याद है ये मेरी ज़िन्दगी की पहली किस थी। मीरा 'किस' के बाद शर्मा गयी। इधर मेरे मन में लड्डू फूट रहा था। उधर राहुल की आकांशा से लड़ाई हो गयी थी। आकांशा में कुछ ज़्यादा ही ऐटिटूड था। उसने राहुल को रिजेक्ट कर दिया था। आकांशा ने मीरा को कहा की तू भी आदि से दूर रहा कर।

दो महीने तक मेरा और मीरा का रेलशन एक दम मस्त चला । वो हमेशा चाहती थी की मैं उससे बात करता राहु पर सच काहू तो मैं थक गया था। एक अजीब सा इर्रिटेशन होने लग गया था। पहले मेरे और मीरा के छोटे - छोटे झगड़े हुए।  फिर एक दिन अचानक हमारा ब्रेक-अप हो गया।

इसके बाद कॉलेज में छुटियाँ पड़ गयी थी। में घर चला गया था। घर जाने के बाद मुझे उसकी याद आने लगी। तकरीबन दस दिन के बाद जब मैं घर पर था और उसके बारे में सोच रहा था तो अचानक से उसका मैसेज आया। फिर से हमारी बातें होने लगी।

छुटियाँ ख़तम होने के बाद मैं  वापिस कॉलेज आया। कुछ दोस्तों ने मुझे समझाया की रिलेशनशिप में मत पड़। नहीं तो तेरा फ्यूचर बर्बाद हो जायेगा। पर मैंने अपने दोस्तों को इग्नोर किया और मीरा के साथ आगे बढ़ने लगा। अगले आठ महीने तक सब कुछ बढ़िया चल। मुझे फिर से एक अजीब सा इर्रिटेशन होने लगा था। क्योकि मीरा रिलेशन को लेकर बहुत ज़्यादा पोस्सेस्सिव हो गयी थी। हमारा फिर से ब्रेकअप हो गया। मेरी डिग्री पूरी हो गयी।

मेरा पहला जॉब बेंगलुरु में लगा। मैं बहुत खुश था। एक दिन मुझे मीरा का मैसेज आया। दो तीन दिन तक हमारी अच्छे से बातें हुई। तीसरी दिन उसने मुझे पैसे मांगे। सिर्फ 500 रूपये। मैंने बिना कोई सवाल किये उसे 500 रूपये ट्रांसफर कर दिए। अगले दो दिन तक उसका मैसेज नहीं आया। तीसरे दिन उसका मैसेज आया और वो मैसेज पर बोली की, "मैं तुझे 500 रूपये कभी वापिस नहीं करुँगी। तूने मुझे धोखा दिया उसके बदले में ये मेरा रिवेंज था।"

उसका ये मैसेज पढ़ा कर मुझे बहुत बुरा लगा। मैं थोड़ा मुस्कुराया। कुछ दिन बाद उसने मुझे अपने नए बॉयफ्रेंड के साथ सेल्फी भेजी। सेल्फी देख कर मुझे बहुत बुरा लगा। उस दिन हमारी ज़बरदस्त लड़ाई हुई। उसके बाद हमेशा - हमेशा के लिए हमारी बातें बंद हो गयी। मैं आज भी उसे याद करता हूँ। क्योकि वो मेरा पहला प्यार था और लोग कहतें है की, "पहले प्यार को भुलाया नहीं जा सकता।"


                                                                                                                                  अशोक कुमार


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