तीन दिन बीत गए। आखिर हार मान के मैं उसके घर गया। मैंने उसका हाल चल लिया। हाल चल सब ठीक है, कह कर वो चुप हो गया। मैं बहुत हैरान हुआ की इसको क्या हो गया है। पहले तो ये बहुत बातें किया करता था। उसने एक दम से चुप रहने की आदत कैसे डाल ली है।
मैं उसको छत पर ले गया। उसकी मम्मी जी भी पीछे से आ गयी। दो चाय के कप लेकर। मैंने चाय ली। उसने भी चाय ली। चाय ख़तम हो गयी और वो कुछ बोला ही नहीं।
उसकी मम्मी जी भी परेशान थी। मम्मी जी ने मुझे इशारा करके अपने पास बुलाया। मैं उनके पास गया। वो बोली की ज़रा पता तो कर इसको हुआ क्या है। जब से मुंबई से वापिस आया है। कमला ही हो गया है। कुछ बात ही नहीं करता है। बस फ़ोन पर चैट करके हस्ता रहता है।
मैंने उसकी मम्मी को बोला, "की आंटी तुम टेंशन मत लो। मैं कुछ करता हूँ।" मैंने भुवन को कहा, "की तेरे आने की ख़ुशी में मैंने पार्टी राखी है। तू आ रहा है न? पार्टी तो मुझे देनी चाहिए, वो बोला। तो कब देगा? मैंने कहा।"
दे देंगे। मैं बोला अजीब है यार? चल तू पार्टी दे रहा है न। मैं आ जाऊंगा शाम को, भुवन बोला । बिट्टू, रिंकू और मैं शाम को पब में पहुंच गए। भुवन भी आ गया। जब सबने तीन पेग मार लिए। तब भुवन ने बोलन शुरू किया। यार पापा से कैसे बात करू? मैंने पूछा कैसी बात? वो नशे में बोला, नहीं यार तुम साले बात दोगे। मैंने भी कह दिया, तेरी कसम नहीं बताऊंगा।
उसने पानी की तरह बोलना शुरू कर दिया की "उसको बॉम्बे में एक लड़की पसंद आ गयी है और वो उस से शादी करना चाहता है। पर लड़की की डिमांड है की लड़के का बिज़नेस होना चाहिए। इसी चक्कर में मैं जॉब छोड़ दी यार।" इतने में मेरे मुँह से निकल गया, "ओह तेरी की।"
कुछ दिनों बाद सबको पता चल गया। भुवन ने 15 लाख रूपये लगा कर चंडीगढ़ में फ्रैंचाइज़ बिज़नेस शुरू कर दिया। एक साल तक वो किसी तरह से बिज़नेस चलता रहा आखिर में दूकान बंद हो गयी। मैंने उसको लास्ट में पूछा की, "हां फिर क्या कहती अब बॉम्बे वाली?"
वो मुँह लटका के बोला, " पहले महीने बहुत खुश थी, एक दो बार मिलने भी आयी। जब से काम मंदा होने लगा। उस से बातें काम होने लगी।
लास्ट में उसने किसी होटल वाले से शादी कर ली और मुझे उसने बोला की, कीप इन टच।"
अशोक कुमार
आगे पढ़े:- "यू आर माय फर्स्ट लव। मैं तुमको कभी नहीं भूलूंगी।"
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